राजमाता अहिल्या बाई होलकर | My Indore City इंदौर शहर

राजमाता अहिल्या बाई होलकर

SHARE:

महारानी अहिल्या बाई होलकर, इनके परिचय के बिना इंदौर शहर का परिचय अधुरा ही कहा जायेगा | अहिल्या बाई अहिल्या बाई होलकर एक ऐसा नाम है जिसे आज भी हर भारत

राजमाता अहिल्या बाई होलकर

राजमाता अहिल्या बाई होलकर
राजमाता अहिल्या बाई होलकर ! जी हाँ आज मै हमारे मालवा की महारानी के बारे में बताने जा रहा रहा हू | महारानी अहिल्या बाई होलकर, इनके परिचय के बिना इंदौर शहर का परिचय अधुरा ही कहा जायेगा | अहिल्या बाई अहिल्या बाई होलकर एक ऐसा नाम है जिसे आज भी हर भारत वासी बड़ी श्रद्धा से स्मरण करता है | वे एक महान शाहक और मालवा की रानी थी | इनका जन्म 31 अगस्त, सन 1725 में जामखेड के चौन्दी गाँव में हुआ था जो अभी महाराष्ट्र के अहमदनगर में है | उनके पिता मानकोंजी शिंदे गाँव के पाटिल थे, और वहा उनका अच्छा खासा रसूख था | उस समय लडकिया पढने नहीं जाती थी, मगर अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें खुद पढाया और अच्छी शिक्षा दी |

इनका विवाह इंदौर राज्य के संस्थापक महाराज मल्हारराव होलकर के पुत्र खाडेराव से हुआ था | अपनी पुत्रवधू अहिल्याबाई को भी वह राजकाज की सिक्षा  देते रहते थे | उनकी बुद्धि और चतुराई से वह बहुत प्रसन्न होते थे |
सन 1745 में अहिल्या बाई के एक पुत्र हुआ और तीन वर्ष बाद एक कन्या | पुत्र का नाम मालेराव और कन्या का नाम मुक्तबाई  रखा | उन्होंने बड़ी कुशलता से अपने पति के गौरव को बढाया | कुछ ही दिनों में में अपने महान पिता के मार्गदर्शन में खाडेराव एक अच्छे सिपाही बन गए |

विवाह के 21 वर्ष बाद सन 1745 में आपके पति खाडेराव एक युद्ध में शहीद हो गए | इसके 12 वर्ष बाद ससुर मल्हार राव भी सवर्ग सिधार गए | और उनके द्वारा तख़्त पर आसीन किये गए खाडेराव के एकलौते पुत्र मालेराव भी नहीं रहे |  5 अप्रेल, 1767 को मालेराव का निधन हो गया | इतना सब कुछ होने के बाद भी अहिल्या बाई ने न सिर्फ राजकाज संभाला बल्कि फौजी मसलो पर भी खुद ही फैसले लिए | जब तक वे जीवित रही उन्होंने न सिर्फ मालवा पर राज किया अपितु यह कहना अतिश्योक्ति न होगी की उन्होंने साथ ही साथ प्रजा के दिलो पर भी राज़ किया | वे एक उदार रानी, एक ममतामई माँ, न्यायप्रिय और एक कुशल प्रशाशक थी | उनके न्याय का इतिहास गवाह है की उन्होंने अपने एकलौते बेटे तक के लिए मौत की सजा सुना दी | लोग उनकी पूजा करते है और वो सारी प्रजा को बच्चो की तरह मानती थी |

राजमाता अहिल्या बाई होलकर on ticket

शासन की बागडोर जब अहिल्या बाई ने अपने हाथो में ली तब राज्य में बड़ी अशांति थी | ऐसी दशा में रजा का सबसे बड़ा कर्तव्य उपद्रव करने वालो को काबू में लाकर प्रजा को निर्भयता और शांति प्रदान करना है | उपद्रव में भीलो का खास हाथ था | उन्होंने दरबार में  सभी दरबारियो, सरदारों और प्रजा का ध्यान इस और दिलाते हुए यह घोषणा की  " जो वीर पुरूष इन उपद्रवी लोगो को काबू में लावेगा, उसके साथ में उपनी पुत्री का विवाह कर दूंगी |" इस घोषणा को सुनकर यशवंतराव फणसे आए और बड़ी नम्रता से कहा की वे यह काम कर सकते है | यशवंतराव अपने कार्य में लग गए और बहुत थोड़े समय में आपने राज्य में शांति स्थापित कड़ी | महारानी ने बड़ी प्रसन्नता और बड़े समारोह में मुक्ताबाई का विवाह यशवंत राव फणसे के साथ कर दिया | राज्य में शांति और सुरक्षा की स्थापना होते ही व्यापार-व्यवसाय और कला-कौशल की बढोतरी होने लगी और लोगो को ज्ञान की उपासना का अवसर भी मिला | नर्मदा के तीर्थ पर महेश्वर उनकी राजधानी थी | वहा तरह तरह के कारीगर आने लगे | और शीघ्र ही वस्त्र निर्माण का वह एक सुन्दर केंद्र बन गया |

वास्तव में अहिल्याबाई किसी बड़े राज्य की रानी नहीं थी परन्तु अपने राज्यकल में उन्होंने जो कुछ किया वह आश्चर्यचकित करने वाला है | वे एक वीर योद्धा और खुशाल तीरंदाज थी | उन्होंने कई युद्धों में अपनी सेना का नेत्र्तव किया और हाथी पर सवार होकर वीरता के साथ लड़ी |


राजमाता अहिल्या बाई होलकर
आप शिव की परम भक्त थी और इसी के तहत आपने 1777 में विश्व प्रसिद्द कशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया, और धार्मिक प्रवत्ति होने के कारण आपने द्वारका, काशी, वाराणशी, गया, नासिक, हरिद्वार,मथुरा, सोमनाथ, बद्रीनारायण, रामेश्वर इत्यादि में अनगिनत मंदिर और धर्मशालाए बनवाई | आपने अपनी राज्य की सीमाओं के बाहर भी कई स्थानों पर अन्नक्षेत्र, खोले, प्याऊ बनवाई व मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु की |

आपका सारा जीवन वैराग्य, कर्तव्य पालन और परमार्थ की साधना बन गया | भगवन शंकर की वे परम भक्त थी व बिना शिव पूजन के मुह में पानी की बूंद नहीं जाने देती थी सारा राज्य उन्होंने शिव को अर्पित कर रखा था और आप उनकी सेविका बनकर शासन चलाती थी | ' संपति सब रघुपति के आही' सारी संपति इश्वर की है | इस वाक्य का भारत के बाद प्रत्यक्ष और एकमात्र उदहारण शायद यही थे | उनके रुपयों पर शिव लिंग और बिल्ब पत्र का चित्र अंकित है और पैसो पर नंदी | तब से लेकर भारतीय स्वराज्य की प्राप्ति तक इंदौर के सिहासन पर जितने भी नरेश उनके बाद में आए सबकी राजाज्ञा पर जब तक श्री शंकर की आज्ञा जरी नहीं होती थी तब तक वह राजाज्ञा नहीं मानी जाती थी |

आपका रहन सहन बिलकुल सादा था | शुद्ध सफ़ेद वस्त्र धारण करती थी | जेवर आदि कुछ नहीं पहनती थी | भगवान की पूजा, अच्छे ग्रंथो को सुनना और राजकाज आदि में व्यस्त रहती थी |

इंदौर में प्रति वर्ष भाद्रपद्र कृष्ण चतुर्दशी के दिन अहिल्यौत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है |
इसी कारण से राजमाता अहिल्या बाई आज भी मालवा वासियों के हर्दय में जीवित है |

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. बहुत अच्छी जानकारी दी आपने तो... थैंक्स

    ReplyDelete

Name

ahilya-bai,2,article,19,biography,1,celebrity,9,city-bus,1,college,3,culture,6,dargah,1,educational-institute,2,festival,1,food,2,freedom-fighter,1,heritage-buildings,9,history,28,holkar,6,hospital,2,important,1,indori-khan-paan,2,market,3,news,6,news-paper,2,park,2,pics,1,poetry,1,radio,1,ranipura,1,religious-place,12,school,1,scindia,1,stadium,1,talkies,1,temple,10,Video,5,इंदोरी खान-पान,1,इमारते,5,पयर्टन स्थल,1,पर्यटन स्थल,1,पार्क,1,फोटो,1,महल,1,शासन,2,सराफा बाजार,1,सिटी बस,2,
ltr
item
My Indore City इंदौर शहर: राजमाता अहिल्या बाई होलकर
राजमाता अहिल्या बाई होलकर
महारानी अहिल्या बाई होलकर, इनके परिचय के बिना इंदौर शहर का परिचय अधुरा ही कहा जायेगा | अहिल्या बाई अहिल्या बाई होलकर एक ऐसा नाम है जिसे आज भी हर भारत
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiuQrOHuDXSRyIZxGvkgRNmAiqX-D-DnE21ZDRE1pDat6YcDWDM1q7uTttEYT-KUSIJiwxv7oTXzk_CuUMoyVRRu6MiCh34i-7EPCFHgf6p5sZ3BBRnkbDMYIwwxZfmxvCzvV-bTWH3Z2k/w400-h295/Ahilyabai+Holkar.png
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiuQrOHuDXSRyIZxGvkgRNmAiqX-D-DnE21ZDRE1pDat6YcDWDM1q7uTttEYT-KUSIJiwxv7oTXzk_CuUMoyVRRu6MiCh34i-7EPCFHgf6p5sZ3BBRnkbDMYIwwxZfmxvCzvV-bTWH3Z2k/s72-w400-c-h295/Ahilyabai+Holkar.png
My Indore City इंदौर शहर
https://www.myindorecity.com/2010/11/ahilya-bai-holkar.html
https://www.myindorecity.com/
https://www.myindorecity.com/
https://www.myindorecity.com/2010/11/ahilya-bai-holkar.html
true
8689788377120183350
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Read More Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content